TAIT परीक्षार्थीयोंके लिए २४ तारीख महत्वपूर्ण साबित होनेवाली हैं क्योंकि यह वह तारीख होगी जिस दिन महाराष्ट्र राज्य में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का पूरा चित्र स्पष्ट होगा. पिछले कुछ दिनों से हम रिजल्ट कि राह देख रहे हैं और अभी तक रिजल्ट के बारे में कोई अधिकृत सुचना परीक्षा परिषद से प्राप्त नहीं हुई हैं लेकिन इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा जिसे ‘संच मान्यता’ कहा जाता हैं वह अब पूरा होनेवाला हैं. आशा हैं इस बार सरकार द्वारा इस मान्यता को और विलंब नहीं किया जायेगा.
सबसे पहले जीआर के उस पॉइंट को समज लेते हैं जिसपर यह संच मान्यता आधारित हैं. TAIT परीक्षा सम्बन्धी जी आर में कुछ ऐसा कहा था:
अब सवाल यह हैं की यह संच मान्यता चर्चा में क्यों हैं ? क्या होती हैं यह संच मान्यता ?
संच मान्यता सरल प्रणाली द्वारा बने रिपोर्ट पर आधारित होती हैं. संच मान्यता से पहले सरल प्रणाली यहाँ समझना उचित होगा. सरल यह एक संगणकीकृत प्रणाली हैं जिसे शिक्षा विभाग के computerisation के लिए अपनाया गया. अध्यापकों द्वारा छात्रों की मैन्युअल डाटा एंट्री प्रक्रिया को हटाकर इस प्रणाली के उपयोजन से अध्यापकोंके समय बचत में काफी हद तक मदद हुई. सरल द्वारा किसी स्कूल में पढ़ रहे छात्रों की सभी जानकारी संगणकीकृत की गई हैं. इस प्रणाली द्वारा किसी स्कूल में पढ़ रहे बच्चोंकी संख्या की जानकारी शिक्षा विभाग को दी जाती हैं. संख्या के आधार पर यह तय होता हैं कि ज्ञानदान का कार्य कर रहे अध्यापक उस स्कूल के बच्चोंके लिए पर्याप्त हैं या नहीं. पढ़ रहे बच्चे और उस तुलना में अध्यापकों की संख्या, राज्य में अध्यापक छात्र अनुपात निश्चित करते हैं. किसी संस्था में आवश्यकता से जादा शिक्षक अतिरिक्त कहलाते हैं और इनका समायोजन करना इस प्रणाली का अगला कदम होता हैं.
केवल आधार कार्ड धारक छात्रों की जानकारी इस प्रणाली में एंट्री करवानेवाले सरकारी निर्देश के अनुसार राज्य में बहुत सारे शिक्षक अतिरिक्त हो गए थे लेकिन अगले ही कुछ दिनोंमे इस निर्देश में सुधार करना पड़ा क्योंकि यह राज्य भर में पढ़ रहे बच्चों का अधुरा रिपोर्ट होता. अब फिर एक बार इस कार्य के लिए समय सीमा बढाकर सभी बच्चोंका ब्यौरा देने के लिए कहा गया हैं.
आनेवाले २४ तारीख को यह प्रक्रिया पूरी हो रही हैं. राज्य भर में छात्र और अध्यापक का अनुपात तो सामने आ जायेगा लेकिन राज्य भर के अतिरिक्त अध्यापकोंकी संख्या भी इससे अधोरेखित हो जाएगी. इस प्रकार किसी स्कूल या निजी संस्था में आवश्यक अध्यापकोंके पदोंको मान्यता देने को संच मान्यता कहा जा सकता हैं. यह संच मान्यता ही TAIT परिक्षार्थियों के भविष्य को निर्धारित करेगी.
हम आशा करते हैं की राज्य में यह संच मान्यता बिना किसी विलंब से पूरी हो जाएगी. इस संच मान्यता में कम से कम शिक्षक अतिरिक्त होना ही हम परिक्षर्थियोंके लिए लाभदायक होगा. क्योंकि पॉइंट नंबर ३.१ के अनुसार राज्य में शिक्षकों के रिक्त पद केवल अतिरिक्त शिक्षक के समायोजन के बाद ही घोषित किये जानेवाले हैं. आधार कार्ड विरहित छात्रोंका भी सरल प्रणाली में अंतर्भाव बताये गए अतिरिक्त शिक्षकोंके आंकड़ो को कम करेगा और हममेंसे जादा से जादा परिक्षार्थियों का शिक्षक होने का सपना पूरा हो जायेगा. अब सवाल यह हैं कि क्या इस संच मान्यता के नाम पर संस्थाओं द्वारा बिना किसी मापदंड के भर्ती करवा लिए शिक्षकोंको मान्यता देकर TAIT परीक्षार्थियों पर अन्याय होगा? यह बात तो साफ़ हैं कि हम परीक्षार्थी ऐसे समायोजन के विरुद्ध होंगे. इसके परिणाम की बात २४ तारीख को होनेवाली संच मान्यता के बाद ही करना यहाँ पर उचित होगा. लेकिन पारदर्शी शिक्षा प्रणाली में इस बारे में भी पारदर्शक कदम उठाये जाये इस उम्मीद से हम संच मान्यता को देखते हैं.
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Hi this is B.A.Naik.. you must have read my many posts previously specially in 2010. Right now I am back. please enjoy my post.
Nice information Banak sir,
Any updates about sanchmanyata?